बचपन से जुनून तक

दिल्ली के विराट कोहली ने बचपन से ही बल्ला थाम लिया था। 9 साल की उम्र में क्रिकेट अकादमी जॉइन की — सपना था इंडिया के लिए खेलना।

संघर्ष का असली इम्तिहान

2006 में पिता को खोने के बावजूद अगले दिन मैच खेला। वहीं से शुरू हुई विराट की हिम्मत और लगन की कहानी।

मकता सितारा बना कोहली

2008 में U-19 World Cup जीत, फिर Team India में एंट्री। हर मैच में रन बरसाकर बने “Run Machine”।

कप्तान कोहली की दास्तान

2017 में कप्तान बनकर टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट जीत ने कोहली को लीजेंड बना दिया।

एक प्रेरणा, एक लीजेंड

विराट कोहली मेहनत, फिटनेस और जुनून की मिसाल हैं। उनका मंत्र — “खुद पर भरोसा रखो और अपने सपनों का पीछा करो।”